P R Subramanian
Well-known member
- Thread Starter
- #3,501
हरि ॐ:........................................................
“In attempts to improve your character, know what is in your power and what is beyond it.”
Francis Thompson
“अपने चरित्र में सुधार करने का प्रयास करते हुए, इस बात को समझें कि क्या काम आपके बूते का है और क्या आपके बूते से बाहर है।”
फ्रांसिस थामसन
“In attempts to improve your character, know what is in your power and what is beyond it.”

“अपने चरित्र में सुधार करने का प्रयास करते हुए, इस बात को समझें कि क्या काम आपके बूते का है और क्या आपके बूते से बाहर है।”
