Plz can someone translate this in English/Tamizh?
Father Died In A Road Accident His Sons Donated Helmet To Brahmins
[h=1]पिता की तेरहवीं में बेटों ने दान किए हेलमेट, रोड एक्सीडेंट में हुई थी मौत[/h]
भोपाल.सतना में दो बेटों ने पिता की मौत के बाद 25 ब्राह्मणों को दक्षिणा के रूप में हेलमेट भेंट किया। जिले के टिकुरिया टोला गांव के राजेंद्र गुप्ता का 3 मार्च को रीवा शहर में एक्सीडेंट हो गया था। बेटों को महसूस हुआ कि हेलमेट न लगाने के कारण ही उनके पिता की मौत हुई है, इसीलिए उन्होंने तेरहवीं में हेल्मेट दान किया। हादसे वाले दिन हेल्मेट लगाना भूल गए थे पिता...
- राजेन्द्र गुप्ता के बेटे विवेक और शैलेन्द्र ने बताया कि उनके पिता अकसर हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाते थे।
- लेकिन एक्सीडेंट वाले दिन वे घर से हेलमेट ले जाना भूल गए।
- एक्सीडेंट में राजेंद्र को सिर पर गंभीर चोट आई। वे पांच दिनों तक कोमा में रहे। 8 मार्च को उनकी मौत हो गई।
हेलमेटपहने होते तो बच सकती थी जान
- बेटों का मानना है कि अगर उस दिन भी उनके पिता हेल्मेट पहने होते, तो उनकी जान बच सकती थी।
- इसी कारण बेटों ने तय किया कि तेरहवीं में ब्राह्मण भोज के बाद दी जाने वाली दक्षिणा में हेल्मेट को शामिल किया जाए।
- इसके साथ उन्होंने यह मैसेज भी दिया कि 'सुरक्षित कल के लिए आज से ही सीख लेनी होगी।'
- इस अनूठी मिसाल की सभी ने तारीफ की और दोपहिया वाहन चलाते वक्त हेल्मेट लगाने का वादा भी किया।
Father Died In A Road Accident His Sons Donated Helmet To Brahmins
[h=1]पिता की तेरहवीं में बेटों ने दान किए हेलमेट, रोड एक्सीडेंट में हुई थी मौत[/h]
- dainikbhaskar.com
- Mar 23, 2016
भोपाल.सतना में दो बेटों ने पिता की मौत के बाद 25 ब्राह्मणों को दक्षिणा के रूप में हेलमेट भेंट किया। जिले के टिकुरिया टोला गांव के राजेंद्र गुप्ता का 3 मार्च को रीवा शहर में एक्सीडेंट हो गया था। बेटों को महसूस हुआ कि हेलमेट न लगाने के कारण ही उनके पिता की मौत हुई है, इसीलिए उन्होंने तेरहवीं में हेल्मेट दान किया। हादसे वाले दिन हेल्मेट लगाना भूल गए थे पिता...
- राजेन्द्र गुप्ता के बेटे विवेक और शैलेन्द्र ने बताया कि उनके पिता अकसर हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाते थे।
- लेकिन एक्सीडेंट वाले दिन वे घर से हेलमेट ले जाना भूल गए।
- एक्सीडेंट में राजेंद्र को सिर पर गंभीर चोट आई। वे पांच दिनों तक कोमा में रहे। 8 मार्च को उनकी मौत हो गई।
हेलमेटपहने होते तो बच सकती थी जान
- बेटों का मानना है कि अगर उस दिन भी उनके पिता हेल्मेट पहने होते, तो उनकी जान बच सकती थी।
- इसी कारण बेटों ने तय किया कि तेरहवीं में ब्राह्मण भोज के बाद दी जाने वाली दक्षिणा में हेल्मेट को शामिल किया जाए।
- इसके साथ उन्होंने यह मैसेज भी दिया कि 'सुरक्षित कल के लिए आज से ही सीख लेनी होगी।'
- इस अनूठी मिसाल की सभी ने तारीफ की और दोपहिया वाहन चलाते वक्त हेल्मेट लगाने का वादा भी किया।